मैंने कभी डैड को रोते नहीं देखा था, लेकिन उस रात मैंने हार और पीड़ा के आंसुओं को देखा जिन्हें वे पीछे धकेल रहे थे। मैंने उनके चेहरे पर मेरे लिए कुछ न कर पाने की घोर लाचारी और ग़ुस्सा देखा। वे बहुत मज़बूत आदमी थे, अपनी मेहनत से कामयाब हुए आदमी जिन्होंने बहुत कठोर हालात से ऊपर उठकर अपनी ज़िंदगी और अपना कैरियर बनाया था।

![ज़िंदगी वो जो आप बनाएं: प्यार, आशा और विश्वास की ऐसी कहानी जिसने नियति को हरा दिया [Zindagi Wo Jo Aap Banaayen]](https://i.gr-assets.com/images/S/compressed.photo.goodreads.com/books/1495563458l/35213197._SY475_.jpg)