MANUSMRITI (Hindi Edition)
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भिन्न वर्ण के पुरुष द्वारा भिन्न वर्ण की स्त्री से उत्पन्न सन्तान यानी ब्राह्मण यदि शूद्रा को गर्भवती बनाता है, तो उस शूद्रा स्त्री से उत्पन्न सन्तान वर्णसंकर कहलायेगी, क्योंकि उसकी जाति में दो भिन्न वर्णों के खून का मिश्रण है।)
Shivatva Beniwal
इसीलिए मैं कहता हूं ‘वर्ण’ का सटीक अंग्रेज़ी अनुवाद ‘species’ हैं, ‘caste’ अथवा ‘class’ नहीं। ब्राह्मण धर्म का मानना हैं कि सृष्टि के आरम्भ में, यज्ञ के निमित्त, प्रजापति ब्रह्मा ने चार पृथक और ‘पदसोपान’ होमो प्रजातियां बनाई, जिनको वर्ण कहा गया। फिर इन्हीं चार वर्णों के मिश्रण से हज़ारों ‘वर्णसंकर’ जातियों की उत्पति हुई, जो पदसोपान में चार ‘वर्णशुद्ध’ जातियों के मध्य अथवा नीचे स्थान रखती हैं। क्योंकि ‘संकरण’ केवल दो भिन्न-भिन्न species के मध्य ही हो सकता हैं, एक ही species के सदस्यों के मध्य नहीं।