इसलिए मुझे एक ऐसा संबंध चाहिए जिसमें मैं स्वतंत्रता और विश्वास का आनंद ले सकूँ, जहाँ मुझे बार-बार अपने बारे में स्पष्टीकरण न देना पड़े। मुझे इस तरह का संबंध चाहिए, जिसमें मैं अपना ही दोषी न ठहरा दिया जाऊँ। मुझमें गुण भी हैं और दोष भी। मुझे ऐसे संबंध की तलाश है, जिसमें मेरे कमज़ोर पक्ष को लगातार उकसाया और भड़काया न जाए। मैं ऐसा संबंध चाहता हूँ, जिसमें हमेशा मेरे गुणों को उजागर किया जाए। मुझे ऐसा संबंध चाहिए जिसमें मेरे कल को लेकर मेरे आज पर नुक्ताचीनी न की जाए। इंसान होने के नाते मुझसे यदा-कदा ग़लती हो सकती है। मैं चाहता हूँ कि कोई मेरी ग़लतियों का लेखा-जोखा रखकर उसे