आ गई और उन्होंने उसे बिल्ली बना दिया। अब वह कुत्ते से डरने लगा। इसलिए उस संत ने उसे कुत्ता बना दिया। अब वह आदमी से डरने लगा। तो संत ने उसे आदमी बना दिया। लेकिन आदमी बनने के बाद वह भगवान से डरने लगा। इस पर उस संत ने यह कहते हुए उसे वापस चूहा बना दिया- “तुम्हारे लिए मैं कुछ भी कर दूँ, सब बेकार है, क्योंकि तुम्हारा दिल तो चूहे वाला ही है।”