‘दोष रहित’ होना संभव है। उत्कृष्टता बनाए रखना संभव है। और इसका शुभारंभ ऐसा स्वभाव बना लेने से होता है, जिसमें आप सर्वोत्तम से कम किसी भी चीज़ से समझौता करने से साफ़ इंकार कर देते हैं। जीवन के साथ यह विचित्र बात है कि यदि सर्वोत्तम से कम किसी भी चीज़ से आप समझौता करने से इंकार कर देते हैं तो फिर आप उस सर्वोत्तम को हासिल कर ही लेते हैं।