SHAILENDRA TRIPATHI

91%
Flag icon
धूल-मिट्टी को बुहारकर कालीन के नीचे सरकाते जाएँगे। कभी न कभी तो उसे बाहर आना ही है, और जिस दिन वह बाहर आएगा तो इतनी बड़ी गंदगी बन चुका होगा कि आप कल्पना भी नहीं कर सकते।
पोस्ट न किए गए पत्र  [post na kie gae patr]
Rate this book
Clear rating