Nitish Kumar Singh

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मैं ईश्वर के बारे में तुम्हारे मत-मतांतरों को जानने की परवाह नहीं करता। आत्मा के बारे में विभिन्न सूक्ष्म मतों पर बहस करने से क्या लाभ? भला करो और भले बनो। बस यही तुम्हें निर्वाण की ओर अथवा जो कुछ सत्य है, उसकी ओर ले जाएगा।’’
Karmayog (Hindi)
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