Nitish Kumar Singh

89%
Flag icon
इस जगत् रूप मिश्रण में प्रत्येक परमाण दूसरे परमाणुओं से पृथक् हो जाने की चेष्टा कर रहा है, पर दूसरे उसे आबद्ध करके रखे हुए हैं। हमारी पृथ्वी सूर्य से दूर भागने की चेष्टा कर रही है तथा चंद्रमा, पृथ्वी से। प्रत्येक वस्तु अनंत विस्तारोन्मुख है।
Karmayog (Hindi)
Rate this book
Clear rating