“एक वन था। बहुत सघन।” “उसमें सिंह था?” “सिंह भी था। पर मैं कोयल की कहानी सुना रहा हूं।” सुदामा बोले। “कोयल थी?” “हां! वहां एक पेड़ पर एक कोयल रहा करती थी।” “सिंह, कोयल को खा नहीं गया?” ज्ञान ने पूछा। “नहीं। सिंह कोयल को नहीं खाता। फिर कोयल पेड़ के ऊपर की शाखाओं पर रहती है। सिंह नीचे भूमि पर रहता है।” सुदामा बोले, “कोयल का स्वर बहुत मधुर होता है। कोयल कूकती है तो ऐसा लगता है, जैसे कोई मधुर गीत गा रहा है...। पर कोयल वाले वृक्ष के चारों ओर कौवे ही कौवे रहते थे।” “फिर क्या हुआ पिताजी?” ज्ञान बहुत उत्सुक हो उठा था। “वन में एक बार एक संगीत-सभा हुई।” सुदामा बोले, “यह निश्चित हुआ कि जो सबसे सुन्दर
...more