“सामान्यतः हमारा समाज उस व्यक्ति को बड़ा आदमी मानता है, जिसके पास धन हो; पर वास्तविक बड़ा आदमी वह नहीं होता।” सुदामा बोले, “बड़ा आदमी वह होता है, जो अपनी पशु-वृत्तियों को त्याग सके और अपनी साधना, त्याग तथा तपस्या से मानव जाति के कल्याण के लिए कोई मार्ग निकाल सके... । आदमी बड़ा न धन से होता है, न ज्ञान से, आदमी बड़ा होता