जाएंगे। जब यह अपने ही अफ़सरों के वफादार नहीं हुए, तो मैं इनसे क्या उम्मीद रखूं? यह मेरा घर तबाह करने आए हैं और वह इसको तबाह कर देंगे तो भाग खड़े होंगे। फिर अंग्रेज़ मेरा सिर काट लेंगे और मेरे बच्चों का भी, और उनको लाल क़िले के ऊपर लगा देंगे। और वह तुममें से भी किसी को नहीं छोड़ेंगे। लेकिन अगर तुममें से कोई बच जाए, तो जो मैं कह रहा हूं वह याद रखना। अगर तुम रोटी का एक टुकड़ा भी मुंह में रखोगे, तो वह तुमसे छीन लिया जाएगा और हिंदुस्तान के सब संभ्रांत लोगों से मामूली देहातियों जैसा सुलूक किया जाएगा।’”118