करने का इल्जाम लगाया। एक आफत उठ खड़ी हुई और पूरे शहर के बीचोंबीच बंट जाने का फौरी ख़तरा पैदा हो गया। यह वह बात थी जिसका ज़फ़र को हमेशा से डर था। देहली में आधे लोग हिंदू थे और वह ख़ूब जानते थे कि अपनी आधी रिआया की मर्जी और ख़ुशी के बगैर हुकूमत करना नामुमकिन होगा। उनकी अपनी मां हिंदू थीं और वह कट्टर उलमा की नाराजगी के बावजूद बहुत सी हिंदू रस्में मानते थे। उन्होंने उस वक़्त बहुत निर्णयात्मक ढंग से मामलात को अपने हाथ में लिया। जिस दिन कसाई मारे गए, ज़फ़र ने गाय जिबह करने और गाय का गोश्त खाने पर पाबंदी