“टोंक से आए हुए गाजी इस पर अड़े हुए थे कि वह जामा मस्जिद के सामने खुले मैदान में ईद के दिन एक गाय की कुर्बानी करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हिंदुओं ने इसका विरोध किया तो वह उनको मार डालेंगे। और हिंदुओं से हिसाब चुकाने के बाद वह सब फिरंगियों को ख़त्म कर देंगे। उनका कहना था कि अगर हमको मजहब के लिए शहीद होना है तो हमको शहादत का दर्जा एक हिंदू को मारकर भी उसी तरह मिल सकता है, जैसे एक फिरंगी को मारकर।”103 इसके कुछ समय बाद, 19 जुलाई को कुछ हिंदू सिपाहियों ने पांच मुसलमान कसाइयों का गला काट दिया, जिन पर उन्होंने गाय जिबह