Shubham Thakur

3%
Flag icon
मेरे पास एक आदमी आता था, जो दूसरों की बेईमानी की बीमारी से मरा जाता था। अपनी बेईमानी प्राणघातक नहीं होती, बल्कि संयम से साधी जाए तो स्वास्थ्यवर्द्धक होती है।
अपनी अपनी बीमारी
Rate this book
Clear rating