Shubham Thakur

41%
Flag icon
पूरे समाज बीमारी को स्वास्थ्य मान लेते हैं। जाति-भेद एक बीमारी ही है। मगर हमारे यहां कितने लोग हैं जो इसे समाज के स्वास्थ्य की निशानी समझते हैं?
अपनी अपनी बीमारी
Rate this book
Clear rating