संविधान की पोथी पर हल्दी-अक्षत चढ़ाकर उसकी पूजा करता है। मैंने पूछा–इसकी पूजा क्यों करते हो? वह जवाब देता है–क्योंकि यह 20-22 साल पहले लिखा गया था। मैं पूछता हूं–इसे किसने लिखा? क्यों लिखा? किन परिस्थितियों में लिखा? लिखनेवालों के विचार-मान्यताएं क्या थे? उनकी क्या कल्पना थी? किन ज़रूरतों से वे प्रेरित थे? देशवासियों के भविष्य के बारे में उनकी क्या योजना थी?–क्या वे सवाल इस पोथी के बारे में पूछना जायज़ नहीं है।