इस कौम की आधी ताकत लड़कियों की शादी करने में जा रही है। पाव ताकत छिपाने में जा रही है–शराब पीकर छिपाने में, प्रेम करके छिपाने में, घूस लेकर छिपाने में–बची हुई पाव ताकत से देश का निर्माण हो रहा है–तो जितना हो रहा है, बहुत हो रहा है। आखिर एक चौथाई ताकत से कितना होगा?