व्यस्त आदमी को अपना काम करने में जितनी अक्ल की ज़रूरत पड़ती है, उससे ज़्यादा अक्ल बेकार आदमी को समय काटने में लगती है। रिटायर्ड वृद्ध को समय काटना होता है। वह देखता है कि ज़िंदगी भर मेरे कारण बहुत कुछ होता रहा है। पर अब मेरे कारण कुछ नहीं होता। वह जीवित सन्दर्भों से अपने को जोड़ना चाहता है, पर जोड़ नहीं पाता। वह देखता है कि मैं कोई हलचल पैदा नही कर पा रहा हूं। छोटी सी तरंग भी मेरे कारण जीवन के इस समुद्र में नहीं उठ रही है।