Aishwarya Kala

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घोषणाएं की जाती थीं कि यह चुनाव धर्मयुद्ध है; कौरव-पांडव संग्राम है। धृतराष्ट्र चौंककर संजय से कहते हैं–ये लोग अभी भी हमारी लड़ाई लड़ रहे हैं। ये अपनी लड़ाई कब लड़ेंगे? संजय कहते हैं–इन्हें दूसरों की लड़ाई में उलझे रहना ही सिखाया गया है। ये दूसरे की लड़ाई लड़ते-लड़ते ही मर जाते हैं।
अपनी अपनी बीमारी
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