मैंने कहा–लड़का-लड़की बड़े हैं। शादी मौसी के यहां हुई। वर अच्छा है। फिर आप दुखी और परेशान क्यों हैं? हम जिज्ञासुओं को वह रहस्य बताइए ताकि हम भी जीवन के प्रति बुद्धिवादी दृष्टिकोण अपना सकें। उन्होंने नंगी, बुझी आंखों से हमारी तरफ देखा। फिर अत्यन्त भरी आवाज़ में कहा–यह लड़का कायस्थ है न!