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हम भी तो बाज़ार में यूँ ही फिरते हैं। घर में दस जोड़ी जूते हों, एक और ले आते हैं। दो बैग रखे हों, एक और ले आते हैं। कुछ नहीं तो बस देखने पहुँच जाते हैं। एक तरह की वेश्यावृत्ति वह भी तो है; है कि नहीं? ऐय्याशी सिर्फ़ देह की नहीं होती है। उसका सम्बन्ध किसी भी तरह के उपभोग की अधिकता या उसके मनमानेपन से है।