More on this book
Kindle Notes & Highlights
जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान। मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान॥
कबिरा खड़ा बजार में, सबकी माँगे खैर। ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर॥
मोको कहाँ ढूँढ़े रे बंदे, मैं तो तेरे पास में। ना देवल में ना मस्जिद में, ना काबे-कैलास में॥ खोजि होय तो तुरंत मिलि हौं, पल भर की तलाश में। कहैं कबीर सुनो भाई साधो, सब साँसन की साँस में॥