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Kindle Notes & Highlights
यह एक हादसा था और हादसा न हो तो जिन्दगी क्या?
जीवन के अनुभव से जीवन बड़ा है । जब जीवन ही नहीं, तो अनुभव किसके लिए ।
"एक बात गाँठ बाँध लो सल्लो, तुम दोनों एक साथ कर ही नहीं सकतीं । यह समाज ही ऐसा है । प्रेम करो या विवाह करो । और जिससे प्रेम करो उससे ब्याह तो हरगिज मत करो ! ब्याह की रात से ही वह प्रेमी से मर्द होना शुरू कर देता है । अगर मुझसे पूछो तो मैं हर पत्नी को एक सलाह दे सकती हूँ । वह अपने पति को अपने से बाहर-घर से बाहर-अगर वह पति का प्यार पाना चाहती है तो-घर से बाहर प्रेम करने की छूट दे; उकसाए उसके लिए ! क्योंकि वह कहीं और किसी को प्यार करेगा, तो उसके अन्दर का कड़वापन रूखापन भरता रहेगा और इसका लाभ उसकी बीवी को भी मिलेगा ! बीवी ही नहीं, बच्चों को भी मिलेगा !
जीवन के अनुभव से जीवन के अनुभव से जीवन बड़ा है । जब जीवन ही नहीं, तो अनुभव किसके लिए ।