रघुनाथ ने आश्चर्य से देखा उसकी ओर-“क्या हो गया है इस लौंडे को? इसका भाई कम्प्यूटर इंजीनियर! उसने कभी इस तरह से बातें नहीं की अपने बाप से?” “बातें नहीं कीं, इसीलिए तो चुपके से शादी कर ली और बाप को खबर तक नहीं दी ।” झनझना उठे क्रोध से रघुनाथ । मन हुआ-उसे घर से निकल जाने को कहें लेकिन जाने क्या सोच कर खुद ही उठे और आँगन में आ गए । कोने में बँसखट पड़ी थी, उसी पर बैठ गए । उन्होंने ईश्वर के लिए सिर उठाया आसमान की तरफ । आसमान धुला धुला और उजला उजला लग रहा था-जैसे भोर होने को हो । “देखो माँ! मैं साल डेढ़ साल से कहता रहा हूँ इनसे कि मोटरबाइक ले दो । घराने के सभी लड़कों के पास है, एक मेरे ही पास नहीं है
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