Abhijeet

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“नहीं, बुरा मत मानिए । इसे ऐसे समझिए! मान लीजिए कल आप हम नहीं दे पाएँगे तो उसे बुरा लगेगा, ठीक से काम नहीं करेगी । हैन?” “सब ठीक! लेकिन यह बात मेरे गले नहीं उतर रही है कि कुते बिल्ली की खिला दें लेकिन उसे न खिलाएँ !” “मम्मी, वह आपकी परजा नहीं है, नौकरानी है—प्रोफेशनल । उसका पेट रोटी परॉठे से नहीं, पैसे से भरेगा ! यही नहीं, आप उससे बातें करेंगी और वह सिर चढ़ जाएगी! कल जब आप किसी बात के लिए उसे टोकेंगी, वह नाप !लड़ बैठेगी ! उसे आप वही रहने दें जो है! आए, अपना काम करे और रास्ता नापे !’
Rehan Par Ragghu (Hindi)
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