गाँव घर से माया मोह के लिए इतना कम नहीं था लेकिन उनके बच्चे? वे तो दादा दादी को छोड़ कर पहचानते ही किसको हैं? और दादा दादी को भी कितना पहचानते हैं? चिन्ता उसकी होती है जिससे मोह होता है, प्रेम होता है, जिससे प्रेम ही नहीं, परिचय और सम्बन्ध ही नहीं, उसकी क्या चिन्ता? खेत भी उसे पहचानते हैं जो उनके साथ जीता मरता है । वे खेतों को क्या पहचानेंगे, खेत ही उन्हें पहचानने से इनकार कर देंगे!