कितने दिन हो गए बारिश में भींगे? कितने दिन हो गए लू के थपेड़े खाए? कितने दिन हो गए जेठ के घाम में झुलसे? कितने दिन हो गए अंजोरिया रात में मटरगश्ती किए ? कितने दिन हो गए ठंड में ठिठुर कर दाँत किटकिटाए? क्या ये इसीलिए होते हैं कि हम इनसे बच के रहें? बच बचा के चलें? या इसलिए कि इन्हें भोगें, इन्हें जिएँ, इनसे दोस्ती करें, बतियाएँ, सिर माथे पर बिठाएँ? हम इनसे ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे ये हमारे शत्रु हैं! क्यों कर रहे हैं ऐसा ?