Prateek Singh

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देखो, इन शान्त तपस्वी महात्माओं के अन्दर जला डालने वाला तेज छिपा हुआ है। ये उन सूर्यकान्त मणियों की भाँति हैं, जो स्पर्श में तो शीतल होती हैं, किन्तु यदि किसी अन्य का तेज उनके ऊपर पड़ने लगे, तो वे आग उलगने लगती हैं।
Abhigyan Shakuntal
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