Amit Kumar

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शायद वासना के केवल जीभ ही होती है! भगवान ने उसे कान, आँखें, मन, हृदय कुछ नहीं दिया है। उसे अन्य किसी बात की पहचान होती ही नहीं है। वह पहचानती है केवल अपने सन्तोष को!
ययाति [Yayati]
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