More on this book
Community
Kindle Notes & Highlights
"सफलता की कुंजी अपनी ऊर्जा बढ़ाना है। ऐसा करने पर लोग स्वाभाविक रूप से आपकी ओर आकर्षित होंगे। और जब वे आने लगें, तो उन्हें बिल थमा दें!"
दौलत का सिद्धांत: विचार भावनाओं तक ले जाते हैं। भावनाएँ कार्यों तक ले जाती हैं। कार्य परिणामों तक ले जाते हैं।
हर परिवर्तन का पहला तत्व जागरूकता है। ख़ुद पर नज़र रखें, सचेत बनें। अपने विचारों, डरों, विश्वासों, आदतों, कार्यों और यहाँ तक कि अपनी निष्क्रियताओं पर भी ध्यान दें। ख़ुद को माइक्रोस्कोप के नीचे रखकर देखें। अपने बारे में पूरा अध्ययन करें।
"हमारे जीवन का उद्देश्य इस पीढ़ी और आगे आने वाली पीढ़ियों के लोगों का मूल्य बढ़ाना है।"
सारांश यह है कि छोटी सोच और छोटे काम दिवालिएपन और असंतुष्टि की ओर ले जाते हैं। बड़ी सोच और बड़े काम दौलत व सार्थकता की ओर ले जाते हैं। चुनाव आपका है!
घोषणा : दिल पर हाथ रखकर कहें ... "मैं बड़ा सोचता हूँ! मैं हज़ारों लोगों की मदद करने का चुनाव करता हूँ!"
अमीर लोग अपनी समस्याओं से ज़्यादा बड़े होते हैं। ग़रीब लोग अपनी समस्याओं से ज़्यादा छोटे होते हैं।
"जहाँ ध्यान जाता है, वहीं ऊर्जा प्रवाहित होती है और परिणाम प्रकट होते
"मेरे पास प्रबंधन करने के लिए पर्याप्त पैसे ही नहीं हैं" का तर्क देते हैं, वे दरअसल टेलिस्कोप के ग़लत सिरे से देख रहे हैं। वे कहते हैं, "जब मेरे पास बहुत सारा पैसा होगा, तो मैं इसका प्रबंधन शुरू करूँगा," जबकि सच्चाई तो यह है, "जब मैं पैसे का प्रबंधन शुरू करूँगा, तो मेरे पास बहुत सारा पैसा होगा।"
जब तक आप यह नहीं दिखा देते कि आप अपने पास की चीज़ों को संभाल सकते हैं, तब तक आपको और ज़्यादा नहीं मिलेगा!
पैसे का प्रबंधन करने की आपकी आदत धन की मात्रा से ज़्यादा महत्वपूर्ण होती है।
जब आप ब्रह्मांड के सामने यह साबित कर देंगे कि आप अपने पैसे का उचित प्रबंधन कर सकते हैं, तो आपके जीवन में पैसे के चमत्कार होने लगेंगे।
अमीर लोग दूर की सोचते हैं। वे आज के आनंद पर होने वाले ख़र्च में कटौती करके उसका निवेश कल की स्वतंत्रता में करते हैं। ग़रीब लोग पास की सोचते हैं। वे अपनी ज़िंदगी तात्कालिक संतुष्टि के लिए जीते हैं। ग़रीब लोग यह बहाना बनाते हैं, "जब आज ही ज़िंदा रहना मुश्किल है, तो मैं कल के बारे में कैसे सोच सकता हूँ?" समस्या यह है कि अंतत: कल आज में बदल जाता है। अगर आपने आज की समस्याओं की परवाह नहीं की है, तो आप यही बात कल भी दोहराएंगे। अपनी
"रियल एस्टेट ख़रीदने का इंतज़ार मत करो। रियल एस्टेट ख़रीदो और फिर इंतज़ार करो।"
अमीर लोग हर डॉलर को एक "बीज" की तरह देखते हैं, जिसे बोकर सैकड़ों डॉलर कमाए जा सकते हैं और जिन्हें दोबारा बोकर हज़ारों डॉलर कमाए जा सकते हैं।
एस्टेट, मॉर्टगेज, शेयर फ़ंड, बॉण्ड, मुद्रा विनिमय, सब कुछ। फिर एक मूल क्षेत्र चुन लें, जिसमें आप विशेषज्ञ बनना चाहते हैं। उस क्षेत्र में निवेश शुरू करें और बाद में अन्य क्षेत्रों में डाइवर्सिफ़ाई करके पैर पसार लें। मुद्दा यह है : ग़रीब लोग कड़ी मेहनत करते हैं और अपना सारा पैसा ख़र्च कर देते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि उन्हें हमेशा कड़ी मेहनत करनी होती है। अमीर लोग कड़ी मेहनत करते हैं बचत करते हैं और अपने पैसे का निवेश कर देते हैं, ताकि उन्हें दोबारा मेहनत न करनी पड़े।
सूज़न जेफ़र्स ने इसके बारे में एक बहुत अच्छी पुस्तक लिखी है, जिसका शीर्षक है फ़ील द फ़ियर एंड डू इट एनीवे। ज़्यादातर लोग सबसे बड़ी ग़लती यह करते हैं कि वे काम करने से पहले डर की इस भावना के कम होने या ख़त्म होने का इंतज़ार करते हैं। आम तौर पर ये लोग हमेशा इंतज़ार ही करते रहते हैं।
'अगर आप सिर्फ़ आसान काम करने के इच्छुक हैं, तो ज़िंदगी मुश्किल होगी। लेकिन अगर आप मुश्किल काम करने के इच्छुक हैं, तो ज़िंदगी आसान होगी।'
CZ=WZ. इसका मतलब है कि आपका "आरामदेह दायरा" (Comfort Zone) आपके "दौलत के दायरे" (Wealth Zone) के बराबर होता है। अपने आरामदेह दायरे का विस्तार करके आप अपनी आमदनी और दौलत के दायरे को बड़ा लेंगे। वर्तमान में आप जितना ज़्यादा आराम चाहेंगे उतने ही कम जोखिम लेंगे, उतने ही कम अवसरों का लाभ उठा पाएँगे, उतने ही कम लोगों से मिलेंगे, नई रणनीतियों को उतना ही कम आज़माएँगे।
"मेरे जीवन में हज़ारों समस्याएँ रही हैं, जिनमें से ज़्यादातर तो कभी दरअसल आई ही नहीं।"
"मैं डर के बावजूद काम करता हूँ।" "मैं शंका के बावजूद काम करता हूँ।" "मैं चिंता के बावजूद काम करता हूँ।" "मैं असुविधा के बावजूद काम करता हूँ।" "मैं कष्ट के बावजूद काम करता हूँ।" "मैं मूड न होने के बावजूद काम करता हूँ।"
"सर्वज्ञ" (know-it-all) से "जिज्ञासु" (learn-it-all) बन गया। उस पल के बाद सब कुछ बदल गया।
"अगर आप वही करते रहते हैं, जो आपने हमेशा किया है, तो आपको वही मिलता रहेगा, जो आपको हमेशा मिला है।"
"अगर आप सोचते हैं कि शिक्षा महँगी है, तो अज्ञान को आज़माकर देख लें।" मुझे यक़ीन है कि आपने यह पहले भी सुना होगा "ज्ञान ही शक्ति है" और शक्ति कार्य करने की योग्यता है।
अमीर बनने और अमीरी को बरकरार रखने का सबसे तेज तरीक़ा ख़ुद के विकास पर मेहनत करना है! विचार यह है कि आप "सफल" व्यक्ति के रूप में अपना विकास कर लें। एक बार फिर, आपका बाहरी जगत आपके आंतरिक जगत का सिर्फ़ प्रतिबिंब है। आप जड़ हैं; आपके परिणाम फल हैं।
दौलत बनाने का लक्ष्य मूलतः बहुत सा पैसा पाना नहीं है। दौलत बनाने का लक्ष्य ख़ुद का विकास करके अपने सर्वश्रेष्ठ संभव स्वरूप में लाना है। दरअसल, यही सबसे बड़ा लक्ष्य है
आप अपने काम में जितने बेहतर होंगे, उतना ही ज़्यादा कमाएँगे। यह एक और कारण है कि अपने क्षेत्र में लगातार सीखना और अपनी योग्यता बढ़ाना क्यों अनिवार्य है।