Abhilash Baranwal

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हमारे पहले कदम से लेकर आखिरी कदम तक तय की गई दूरी की लंबाई जिंदगी के बराबर होती है। इसीलिए शायद जिंदगी हमें भटकाती है ताकि हम अपने हिस्से भर की जिंदगी चल पाएँ।
मसाला चाय
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