Alok Srivastava

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वह समाज प्रगति नहीं कर सकता, जिसमें रहने वाला हर व्यक्ति अपने पद की आवश्यकता से कम काम करता हो। मानसिक विकास ही सामाजिक विकास का मार्गदर्शन करता है। अगर कोई अपने वर्तमान पद की आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है, तो इसका अर्थ है कि हर चीज़ नीचे की ओर फिसल रही है। जो लोग अपने पद की आवश्यकता के काम पूरे नहीं कर पा रहे हैं, वे समाज पर, सरकार पर, कंपनी पर, सेना और उधोग-धंधे पर बोझ हैं। यह बोझ दूसरों को उठाना होता है। इसका मूल्य सभी को चुकाना पड़ता है। इसका इकलौता संभावित परिणाम है, सबका पतन।
Amir Banane Ka Naya Vigyan
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