लेकिन शब्दों को दोहराने भर से छाप नहीं छूटती है। यह काम तो अपनी सारी इंद्रियों के माध्यम से कल्पना करने से होता है। यह तो इसे हासिल करने के अटल इरादे के साथ लगातार मानसिक तस्वीर देखते रहने से होता है। यह तो इस अटल आस्था से संभव होता है कि वह चीज़ आपको हर हाल में मिल ही जाएगी।

