Alok Srivastava

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आप प्रतिस्पर्धी नहीं, सर्जक बन जाते हैं। आप अनुभूति, तर्क, इच्छा, स्मृति, कल्पना और अंतर्बोध की अनूठी मानवीय शक्तियों का उपयोग करके अपने आस-पास के तत्व को मनचाही चीज़ में बदल देते हैं। यही नहीं, इस प्रक्रिया में आप अपने आस-पास के हर व्यक्ति को भी फ़ायदा पहुँचाते हैं।
Amir Banane Ka Naya Vigyan
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