अपनी परिस्थितियों या किसी दूसरी चीज़ के बारे में बोलते समय कभी भी हताशा वाले शब्दों का प्रयोग न करें। कभी भी असफलता की संभावना को स्वीकार न करें या ऐसे तरीक़े से न बोलें, जिसमें असफलता की संभावना झलकती हो। कभी भी न बोलें कि मुश्किल समय चल रहा है या व्यवसाय की परिस्थितियाँ बुरी हैं। ऐसा उन लोगों के साथ हो सकता है, जो प्रतिस्पर्धा के धरातल पर हैं, लेकिन आपके साथ ऐसा कभी नहीं हो सकता। आप अपनी मनचाही चीज़ का सृजन कर सकते हैं इसलिए आप डर से परै हैं। दूसरे लोग जिसे मुश्किल समय और व्यवसाय के बुरे हालात मानते हैं, वह आपको सबसे बड़े अवसर मिलेंगे। स्वयं को संसार के बारे में इस तरह सोचने और देखन के लिए
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