Alok Srivastava

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ईश्वर, वह एक तत्व, मानवता के माध्यम से जीने, करने और चिज़ोंं का आनंद लेने की कोशिश कर रहा है। ईश्वर कह रहा है, “मैं अद्‌भुत इमारतें बनाने, दैवीय संगीत बजाने, महान तस्वीरें बनाने के लिए हाथ चाहता हूँ। मैं अपने प्रतिदिन के कार्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक दौड़-भाग करने हेतु पैर चाहता हूँ, सुंदरता को देखने के लिए आँखें चाहता हूँ, सशक्त सच्चाइयों को बताने और अद्‌भुत गीत गाने के लिए ज़ुबान चाहता हूँ।''
Amir Banane Ka Naya Vigyan
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