Alok Srivastava

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जब तक कि आप इस सत्य पर विचार नहीं करते हैं कि इस ब्रह्मांड में ग़रीबी है ही नहीं, सिर्फ़ प्रचुरता है। तब तक ग़रीबी के आभास का अवलोकन आपके मस्तिष्क में इसके अनुरूप आकार पैदा करता है।
Amir Banane Ka Naya Vigyan
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