Rajeev Awasthi

0%
Flag icon
सच को यदि पहले से सोच कर मान्य बना लिया जाए तो यह सत्याभास तो दे सकता है, पर आन्तरिक सहमति तक नहीं पहुँचाता।
कितने पाकिस्तान
Rate this book
Clear rating