Rajeev Awasthi

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तुमने प्रकृति की अबाध और अजस्र पराशक्ति को ईश्वर का जामा पहना कर खुद को उसका पुरोहित और वंशज बना रखा है। वह अबाध और अजस्र पराशक्ति अपनी सक्रियता से निरन्तर मनुष्य के लिए अपने रहस्य उद्घाटित कर रही है...वह तुम्हारे अधीन नहीं है...
कितने पाकिस्तान
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