Rajeev Awasthi

25%
Flag icon
नफ़रत ही अब आदमी को पहचान देती है...नफ़रत से ही आदमी और उसके जातीय समुदाय पहचाने जाने लगे हैं। नफ़रती एकता के लिए अतीत काम आता है। अतीत का दंश, गौरव और वे स्मृतियाँ जो कसकती, दुःखती और रिसती हैं...इतिहास अपने अतीत को ठीक करने की दृष्टि दे सकता है, पर इतिहास को भी अतीत के अग्निकुंड में झोंक दिया जाता है।
कितने पाकिस्तान
Rate this book
Clear rating