Rajeev Awasthi

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–मैं एक दोस्त और रिश्तेदार की तरह आपको राय देता हूँ कि बेहतर होगा आप अपने बेटे के साथ, अपने नाना के पास पाकिस्तान लौट आएँ ! नईम ने कहा। –आप तो बिल्कुल यज़ीद की तरह पेश आ रहे हैं ! –यज़ीद की तरह...मैं समझा नहीं ! –आप समझ रहे हैं, यह आप क्यों मंजूर करना चाहेंगे ? यज़ीद ने भी हज़रत हुसैन को मदीने से ईराक आने की दावत दी थी और कर्बला के मैदान में उन्हें भूखा प्यासा रख कर आख़िर उनका क़त्ल कर दिया था !...आपका बुलावा यज़ीद का बुलावा है और आपका पाकिस्तान मेरा कर्बला ही बन सकता है...जहाँ आप मुझे हर तरह से भूखा रखकर अपनी हवस का शिकार बना सकते हैं और जिन्दा रहते हुए भी एक ग़ैर-कुदरती मौत मुझे दे सकते हैं ...more
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कितने पाकिस्तान
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