Rajeev Awasthi

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आप भी जानते हैं–सच तो इन्सान की उदात्त आकांक्षाओं का एक सपना है इसलिए हर सदी में सच इंसानी शुभ के लिए तहज़ीब की भट्टी में तपा कर फिर शुद्ध कर लिया जाता है...सच कभी अशुद्ध रह ही नहीं सकता...
कितने पाकिस्तान
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