आपके जिन्ना साहेब मलाबार हिल की जो इमारत छोड़ कर पाकिस्तान जाएँगे, तो बेहतर इमारत बनवा लेंगे...अगर वह चाहेंगे तो अपनी बीवी रति की कब्र उखाड़ कर पाकिस्तान ले जाएँगे, क्योंकि उनका कोई रिश्ता ज़मीन से नहीं है, लेकिन कुलसुम तो इस ज़मीन में सदियों से दफ्न पुरुखों और कासिमाबाद थाने पर मरे अपने बेटे मुंताज की कब्र उठाकर पाकिस्तान नहीं ले जा पाएगी ! अगर सारी कब्रें ले गए तो हिन्दुस्तान का पूरा आँगन उखड़ जाएगा...तब मुसलमान को कटा-फटा मुल्क तो मिल जाएगा, लेकिन वह घर-आँगन से महरूम रह जाएगा !