Abhishek Sharma

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स्वामीजी ने कुछ देर विचार किया । फिर कुटिया में गए और एक जड़ी हाथ में लेकर आए । बोले, "लो, यह जड़ी ले जाओ । इसकी विधिपूर्वक पूजा करके इसे जमीन में गाड़ देना । दिन-रात सात दिन तक इसके पास रामधुन लगाना । आठवें दिन इसे निकालकर लोबान की धूनी देना । बस, समाज का हृदय-परिवर्तन हो
निठल्ले की डायरी
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