जनता की आँखों पर पट्टी बँधी है, मगर अफसरों ने अपनी पट्टी खिसका ली है और वे खुली आँखों से खीर खा रहे हैं । जनता कुछ नहीं कहती, बल्कि ताली बजाती है । जो मेहनत करता है, और उत्पादन करता है, उसके हाथ में बन्दर का खिलौना दे दिया गया है, जिससे उसका मन बहलता रहे । जो खीर खाता है उसे स्टेनलेस स्टील के बर्तन मिलते हैं, जिनमें और खीर खाई जा सकती है ।