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Kindle Notes & Highlights
पाँचवें दिन मैंने डॉक्टर से कहा, "इसकी हालत अब कैसी है?" "सुधार हुआ है ।" "मुझे तो और बिगड़ी नजर आती है ।" "बिगड़ना भी तो सुधार है । जैसी हालत में आया था, वैसी तो नहीं है । यही सुधार है ।"
अध्यक्ष ने कहा, 'सदन यह जानना चाहता है कि इन बरबाद किसानों की समस्या को शासन कैसे हल करेगा?' मंत्री ने वक्तव्य दिया, 'अध्यक्ष महोदय! ऐसी समस्याओं को हल करने का यही एकमात्र और अचूक तरीका हमारे पास है । जब भी कोई हमारे पास शिकायत लेकर आता है, हम कह देते हैं कि तुम्हें कम्युनिस्टों ने भड़काया है । इससे समस्या हल हो जाती है । अध्यक्ष महोदय, मैंने इस नुस्खे को अपने बच्चे पर आजमाकर देख लिया है । कल उसकी माँ बाहर गई हुई थी । लड़के को भूख लगी और वह रोने लगा । मैंने उससे कहा-क्यों रोता है-मालूम होता है, तुझे कम्युनिस्टों ने भड़काया है! अध्यक्ष महोदय, इतना सुनते ही लड़का चुप हो गया और उसे दूध पिलाने की
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आत्मविश्वास धन का होता है, विद्या का भी और बल का भी, पर सबसे बड़ा आत्मविश्वास नासमझी का होता है
कलह से सस्ता मनोरंजन और क्या होगा?
इतिहास साक्षी है कि दुनिया में जितनी उथल-पुथल हुई है, वह महापुरुषों के कारण नहीं बल्कि उनके चमचों के कारण हुई है । जब भी चमचे ने अपनी अक्ल से कुछ किया है, तभी उपद्रव हुए हैं । इसलिए हर बड़ा आदमी विश्वहित में इस बात की सावधानी बरतता है कि उसका चमचा कभी भी अपनी अक्ल का उपयोग न करे
"बच्चा, यह कोई अचरज की बात नहीं है । हमारे यहाँ जिसकी पूजा की जाती है उसकी दुर्दशा कर डालते हैं । यही सच्ची पूजा है । नारी को भी हमने पूज्य माना और उसकी जैसी दुर्दशा की, सो तुम जानते ही हो ?"