निठल्ले की डायरी
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Read between January 1 - February 16, 2025
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अब मुझे समझ में आया कि लोग स्वार्थी क्यों हो जाते हैं । वे दूसरों का भला करना चाहते हैं, पर कोई उनसे भला कराने को तैयार नहीं होता । निराश होकर वे अपना भला करने लगते हैं । लोग उनकी निन्दा करते हैं, पर वे दया के पात्र हैं । वे मजबूरी में स्वार्थी हो गए हैं ।