Pararth Dave

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जिस होटल में उधार खाता था वो मेरे जैसे मुफ़्तख़ोरों को उधार खिला-खिलाकर बंद हो गया है। उसकी जगह जूतों की दुकान खुल गई है। अब क्या खाऊँ।
Tarkash (Hindi)
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