Sanchit Kalra

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धुल गई है रूह लेकिन दिल को ये एहसास है ये सूकूँ बस चन्द लमहों को ही मेरे पास है फ़ासलों की गर्द में ये सादगी खो जाएगी शहर जाकर ज़िंदगी फिर शहर की हो जाएगी
Tarkash (Hindi)
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