Sanchit Kalra

56%
Flag icon
फिर चल दूँगा वक़्त के अगले शहर की जानिब 1 नन्हे लम्हों को समझाने भोले लम्हों को बहलाने यही कहानी फिर दोहराने तुम होतीं तो ऐसा होता तुम होतीं तो वैसा होता।
Tarkash (Hindi)
Rate this book
Clear rating